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यूपी के प्रमुख शहरों में से एक है उन्नाव जिला। यह जिला गंगा और सई नदियों के बीच स्थित है। इसके उत्तर में लखनऊ तो दक्षिण में कानपुर नगर है। उन्नाव जिले की आबादी करीब 31 लाख है । यह जिला इतिहास, साहित्य, धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए लोकप्रिय रहा है। उन्नाव जिले में एक लोकसभा और 6 विधानसभा की सीट है। उन्नाव जिले में कुल 6 तहसील है- उन्नाव, हसनगंज, सफीपुर, पुरवा, बीघापुर और बांगरमऊ।
स्वतंत्रता संग्राम में उन्नाव से कई क्रांतिकारी दिए। इनमें राजा राव राम बक्स सिंह, मौलाना हसरत मोहानी, राणा बेनी माधव, पीडी, विशाम्बर दयाल त्रिपाठी आदि प्रमुख हैं। जाने माने साहित्यकार प्रताप नारायण मिश्रा, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, मौलाना हसरत मोहानी, नंद दुलारे बाजपेयी, सुमित्रा कुमारी सिन्हा, चंद्र भूषण त्रिवेदी, डॉ राम विलास शर्मा, भगवती चरण मिश्रा, शिव मंगल सिंह ‘सुमन’ आदि इसी धरती पर पैदा हुए है। यह जिला चमड़े के उद्योग के लिए जाना जाता है।
उन्नाव लोकसभा सीट में कुल 23,34,196 मतदाता हैं। जिसमें पुरुष वोटरों की संख्या कि 12,39,723 और महिला वोटरों की संख्या 10,94,371 है। उन्नाव लोकसभा सीट में कुल 6 विधानसभा है । सभी विधानसभा सीटें ग्रामीण क्षत्रों में आती है। उन्नाव में जातिगत समीकरण की बात की जाए तो यहां सबसे ज्यादा वोट लोधी मतदाताओं के है इसके साथ ही बड़ी संख्या में ओबीसी और मुस्लिम वोटर हैं। सभी राजनितिक दलों की नजरें इन्हीं वोटरों पर टिकी रहती हैं।
वर्तमान में उन्नाव लोकसभा सीट से साक्षी महाराज सांसद है वह लगातार दूसरी बार यहां के सांसद बने हैं। हर बार इन्होंने अपना ही रिकार्ड तोड़ा और भारी मतों से विजयी घोषित हुए हैं। साक्षी महाराज को 2014 के चुनाव में 518834 मत मिले तो 2019 के लोकसभा चुनाव में 703507 मत से विजयी हुए थे । साक्षी महाराज को तीसरी बार बीजेपी ने अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया है।
वहीं इस बार उन्नाव लोकसभा सीट में बाहरी और स्थानीय व्यक्ति की सियासत से भी उम्मीदवारों को सामना करना पड़ेगा। पिछले कई वर्षों से उन्नाव लोकसभा सीट पर पैराशूट के जरिए लैंड करने वाले प्रत्याशियों की सूची बढ़ती जा रही है, ग्राउंड जीरो पर न्यूज स्पेस के संवादाता ने अपने सूत्रों और राजनीति में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले लोगों और आम जनता की राय ली है उन्नाव लोकसभा सीट पर इस बार बीजेपी और समाजवादी पार्टी को मजबूत चुनौती मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार उन्नाव लोकसभा सीट से पत्रकारिता में अपना लोहा मनवा चुके अशोक पांडे कई वर्षों से जमीनी स्तर पर उन्नाव लोकसभा सीट पर काम कर रहे है, मिली जानकारी के अनुसार बसपा सुप्रीमो मायावती से मुलाकात के बाद अशोक पांडे से न्यूज स्पेस ने बात की उन्होंने बताया कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें उन्नाव लोकसभा सीट पर चुनावी तैयारी करने के निर्देश दिए हैं ।
इस बार अशोक पांडे के उन्नाव लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरने से इस सीट पर सभी प्रत्याशियों को संघर्ष करना पड़ सकता है, अगर इस सीट के समीकरण की बात की जाए तो यहां 4 लाख ब्राह्मण वोटर्स है, वही दलितों की संख्या 8 लाख है, मुस्लिम समुदाय की संख्या 2 लाख है, अशोक पांडे और साक्षी महाराज की तुलना की जाए तो साक्षी महाराज स्वर्णों और मुस्लिम समाज के लिए उनके वीडियो आय दिन वायरल होते रहते हैं, यही नहीं कई बार उन्होंने ब्राह्मण समुदाय को भी अपमानित किया और अपशब्द कहे, उनकी छवि कट्टर मानी जाती है, वही दूसरी ओर उन्नाव में जन्मे अशोक पांडे की छवि ब्राह्मण उत्थान और दलितों, मुस्लिम बच्चों को शिक्षा विकास के लिए उन्नाव के लगभग हर समुदाय में पैठ है।
अशोक पांडे का लोकल होना भी अहम है, जबकि सपा के अनु टंडन को यादवों और मुस्लिम समुदाय के वोटरों पर निर्भर होना पड़ता रहा है उनकी संख्या लगभग 2 से 2.5 लाख पहुंचती है जबकि जादुई आंकड़ा इससे कोसों दूर नजर आता है, उन्नाव लोकसभा सीट पर इस बार बाहरी और स्थानीय के बीच जंग देखी जाएगी साक्षी महाराज और अनु टंडन दोनो बाहरी प्रत्याशी माने जाते है। इस बार भाजपा के साक्षी महाराज को बसपा के अशोक पांडे क्लीन बोल्ड करते नजर आएंगे ?